कल्पना शक्ति का सदुपयोग
स्वामी विवेकानंद
स्वामी विवेकानंद का
कथन हैं – ’’ यदि हम अपनी कल्पना शक्ति का
सदुपयोग करें , तो वह हमारे लिए परम हितैषिणी है | वह युक्ति से परे जा सकती है और
कल्पना शक्ति ही ऐसा प्रकाश है जो हमें सर्वत्र ले जा सकती है | ‘’
मनुष्य को कल्पना
करने की शक्ति प्राप्त है | लेकिन हम अपनी कल्पना शक्ति के दुरुपयोग करने के आदि
हो गए हैं | हम में से अधिकांश लोग तरह – तरह के बेकार के अनुमान लगाने में , तरह
-तरह के दिवा -स्वप्न देखने में व्यस्त रहते हैं | हमारी आशा – अपेक्षाएँ भले ही
काल्पनिक होती हैं , मगर हमें उनसे सचमुच की निराशा मिलती है | अपनी कल्पना शक्ति
के गलत उपयोग द्वारा हम अपने लिए असत्य को भी सत्य बना लेते हैं और इस तरह ऐसी
चिंताओं के शिकार हो जाते हैं , जो सच में
नहीं होते हैं | कभी -कभी तो हमें यह भी पता नहीं चलता है कि हम दिन का एक बड़ा समय
वास्तविकता की दुनिया के बजाय स्वप्न और
भ्रम की दुनिया में बिताया करते हैं |
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
Thank you